Yamuna Arti & DEEP DAN

संसार के सभी लोगो को प्राचीन भारतीय सनातन संस्कृति से जोड़ना। “

आज से कुछ समय पहले जब हम सभी लोग कोई भी उत्सव जैसे जन्मदिन, सालगिरह आदि मानते थे तब रामायण पाठ , हरिनाम संकीर्तन , तुलसी पूजा, वृक्ष रोपण , गौ सेवा , गरीब असहाय की सेवा आदि करते थे लेकिन आज के समय में हम सभी लोग प्राचीन भारतीय सनातन संस्कृति को भूलकर पाश्चात्य संस्कृति के अनुरूप जैसे कि कैंडल बुझाकर जन्मदिन मनाना आदि क्रियाकलापों को कर रहे है।

इसीलिए हम सभी को दीपक बुझाकर नहीं बल्कि श्री जी की श्रृंगार सेवा में दीपक जलाकर अपने उत्सवो को मनाना चाहिए।

Connecting all the people of the world with the ancient Indian Sanatan culture.

Sometime before today, when all of us used to celebrate any celebration like birthday, anniversary etc., then we used to do Ramayana recitation, Harinam Sankirtana, Tulsi Puja tree planting, cow service, service to some poor helpless etc. But in today’s time we All the people are forgetting the ancient Indian Sanatan culture and doing activities according to the western culture, such as celebrating birthdays by extinguishing the lamp.

That is why all of us should celebrate our celebrations not by extinguishing the lamp, but by lighting a lamp in Shri ji’s makeup service.

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Yamuna Arti in Vrindavan

यमुना नदी हिंदू धर्म की सबसे पवित्र नदियों में से एक है। वैदिक साहित्य में इसे दिव्य ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक बताया गया है। वृंदावन क्षेत्र, जो भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का स्थल रहा है, सात पवित्र नगरों में से एक माना जाता है। भगवान श्रीकृष्ण ने अपने बाल्यकाल के अनेक मधुर क्षण यहीं नंद बाबा और यशोदा मैया के साथ बिताए थे।

वृंदावन यमुना आरती के माध्यम से जुड़ें सनातन से

वृंदावन यमुना आरती एक ऐसा दिव्य अनुभव है, जिसे देखे बिना कोई भी भक्त अधूरा महसूस करता है। चाहे आप सनातन धर्म के अनुयायी हों या फिर भारतीय पौराणिकता को जानने की जिज्ञासा रखते हों, यमुना आरती आपके हृदय को आध्यात्मिक आनंद से भर देती है।

दुर्भाग्यवश, हर कोई वृंदावन के सुंदर घाटों तक नहीं पहुंच पाता, जहां श्रीकृष्ण और बलराम जी ने स्वयं चरण रखे थे। हर किसी के लिए यमुना आरती में भाग लेना और दीपदान करना संभव नहीं हो पाता।

श्री हित उत्सव चैरिटेबल ट्रस्ट आपकी इस आध्यात्मिक इच्छा को पूर्ण करने का माध्यम बन सकता है। अब आप अपने नाम से यमुना आरती में दीपदान कर सकते हैं, चाहे आप शारीरिक रूप से वृंदावन में उपस्थित न भी हों।

हम समझते हैं कि काम के व्यस्त समय में यात्रा कर पाना कठिन होता है। लेकिन श्री वृंदावन बिहारी ट्रस्ट आपके द्वारा चुने गए दीपदान के प्रकार को यमुना आरती के दौरान करवाता है।

यमुना दीपदान केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि यह आपको यमराज की बहन पावन यमुना माता का आशीर्वाद दिलाता है। यह समय से पूर्व मृत्यु से रक्षा, पितरों की मुक्ति, तथा यम, शनि, राहु और केतु जैसे ग्रहों के अशुभ प्रभाव को दूर करने का उपाय भी है।

वृंदावन के पावन घाटों पर यमुना दीपदान करने से जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक ऊर्जा की प्राप्ति होती है।

आज ही श्री हित उत्सव चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़ें और इस पुण्य कार्य का भाग बनें।

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