Plantation
वृंदावन, ब्रज क्षेत्र के बारह पवित्र वनों में से एक है। ‘वृंदा’ का अर्थ है पवित्र तुलसी और ‘वन’ का अर्थ है जंगल। इस प्रकार ‘वृंदावन’ का अर्थ होता है तुलसी के पौधों से भरा हुआ पावन वन।
वृक्षों के बिना वृंदावन, जैसे बच्चों के बिना माँ। जंगल के हिरण और अन्य वन्य प्राणी अब लुप्त हो चुके हैं। यहाँ तक कि मोर — जो सदैव श्रीकृष्ण के वन्य साथी माने जाते हैं — भी अब धीरे-धीरे विलुप्त हो रहे हैं, क्योंकि उनके रहने के लिए आवश्यक पुराने वृक्ष अब नहीं बचे हैं।
वृंदावन जो कि एक समय पर घना और निर्जन वन था, वहां अब बड़े-बड़े भवनों का निर्माण हो गया है और इसके कारण बड़ी संख्या में वृक्षों की कटाई की गई है।
अब समय आ गया है कि हम वृंदावन की प्राचीन वन स्वरूप को पुनः जीवित करें, ताकि न केवल इसकी पावनता को पुनर्स्थापित किया जा सके, बल्कि यहां के पक्षियों और जीव-जंतुओं को भी उनका घर वापस मिल सके। वृक्षों पर लगने वाले फल इन पक्षियों के आहार बनें और वे फिर से इस भूमि पर अपने गीतों से रसमय वातावरण बना सकें।